स्पेशल स्टोरी – वाया : Evening Standard 

वेस्ट लंदन के ब्रेंटफोर्ड में 12 नवम्बर को एक कबाब शॉप के बाहर 82 साल की एक बुज़ुर्ग महिला बेट्टी वाल्श पर नोरिस हेनरी नामक एक व्यक्ति द्वारा चाक़ू से हमला किया गया। तभी वहां से गुज़र रहे सोमालियाई मूल के युवक और बास्केट बॉल कोच अली अबूकर अली उस बुज़ुर्ग महिला को बचाने के लिए उस हमलावर से भिड़ गए।

हमलावर ने अली अबूकर अली पर भी चाक़ू से वार किये, गंभीर रूप से घायल होने की वजह से बाद में अली अबूकर अली ने उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया, मगर उसने उस बुज़ुर्ग महिला बेट्टी वाल्श की ज़िन्दगी बचा ली, बेट्टी वाल्श का अस्पताल में उपचार किया गया और अब वो स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं।

अली अबूकर अली किंग्स्टन विश्वविद्यालय के छात्र थे और साथ ही चिसविक गेटर्स बास्केटबॉल क्लब में खिलाडियों को कोचिंग दिया करते थे।

अली अबूकर अली की मौत की खबर सुनते ही ब्रिटेन के लोगों ने उन्हें एक हीरो की तरह सम्मान दिया और उनके सम्मान में क्राउड फंडिंग के लिए स्थापित एक GoFundMe पेज ने केवल दो दिनों में 90,000 पाउंड ($120,000) को पार कर लिया।

अली अबूकर अली के दोस्त और एक पूर्व जूनियर अंतरराष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी माइकल क्वांटोह जिन्होंने गेटर्स क्लब की स्थापना की, अली से तब मिले थे जब वो 13 वर्ष के थे। माइकल क्वांटोह का कहना है कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं थी कि अली ने बुजुर्ग महिला की मदद करने की कोशिश की, ये अली के स्वभाव में ही शामिल था, वो एक दयालु, मददगार और लोगों की परवाह करने वाला युवक था, वो एक स्टार था।

साथ ही ट्वीटर पर उनकी बहादुरी को सम्मान देने के लिए #AliAbucarAli  हैशटैग चलाया गया।

रेशल पार्रिस ने ट्वीट किया कि ये अली अबूकर अली है जिसने बुज़ुर्ग महिला को बचाने के लिए अपनी जान दे दी 20 वर्षीय ये युवक इससे भी ज़्यादा सम्मान का हक़दार है :

वहीँ स्टेंस ग्रऊँडेड ने ट्वीट किया कि “उसने अपनी जान देकर एक ज़िन्दगी बचा ली ! 20 वर्षीय मुस्लिम युवक अली अबूकर अली जिसे बुज़ुर्ग महिला को बचाने की वजह से चाक़ू मारकर हलाक कर दिया गया, तुम्हारा गढ़ा गया आतंकी वास्तव में तुम्हारा हीरो है, आगे जब कभी आतंकी गढ़ो तो इस घटना को याद कर लेना !”

इस बीच, ब्रिटिश मुख्यधारा की मीडिया द्वारा अली अबूकर अली के सोमालियाई मूल की अनदेखी कर घटना की कवरेज करने पर सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना की गई है। खालिद बेयदौन, एक प्रमुख अकादमिक जिनके शोध में इस्लामोफोबिया भी शामिल है, मुख्यधारा के मीडिया द्वारा कवरेज की कमी की आलोचना में शामिल हो गए।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा “युवा मुस्लिम अली अबूकर अली एक हीरो है। काश, मीडिया अली जैसे मुस्लिम नायकों की कहानियों को कवर करने के लिए उतना ही उत्सुक होता, जितना कि वे “आतंकवादियों” को कवर करने के लिए उत्सुक होते हैं !”

वहीँ 37 वर्षीय हमलावर नॉरिस हेनरी को अली की हत्या और वॉल्श की हत्या के प्रयास के आरोप में उक्सब्रिज मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया जिसे न्यायायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.