“वे (फेकल्टी शिक्षक) हर परीक्षा में टॉप पर एक मुस्लिम नाम देख कर चिढ़े हुए थे।”
(अब्दुल लतीफ, फ़तिमा लतीफ़ के पिता)

IIT मद्रास की प्रतिभाशाली स्टूडेंट फातिमा लतीफ़ की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है, इसकी वजह है IIT मद्रास में सम्बंधित फेकल्टी शिक्षक पर धार्मिक आधार पर भेदभाव और मानसिक प्रताड़ना देने के आरोप, सोशल मीडिया पर भी ये मामला सुर्ख़ियों में है, यूज़र्स #FathimaLathif और #JusticeForFathimaLatheef हैशटैग चलाकर फातिमा लतीफ़ को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।

कोल्लम (केरल) निवासी 19 वर्षीय फातिमा लतीफ़ ने अगस्त में IIT मद्रास में प्रवेश लिया था वो Humanities and Development Studies (मानविकी और विकास अध्ययन) में PG (स्नातकोत्तर) करना चाहती थी।

Maktoobmedia के अनुसार फातिमा एक होनहार स्टूडेंट थी जिसने पिछले साल केंद्र द्वारा आयोजित एक प्रवेश परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। फातिमा लतीफ़ ने शनिवार रात 12 बजे अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, वो IIT केम्पस में सरवीयू गर्ल्स हॉस्टल में रह रही थी। शुरुआत में मिडिया में ये खबर चलाई गयी कि फातिमा लतीफ़ ने कम नंबर आने की वजह से ख़ुदकुशी की है।

मगर जब फातिमा की बहन ने फातिमा का मोबाइल देखा तो उसमें फातिमा का लिखा सुसाइड नोट मिला जिसमें उसने अपनी मौत के लिए IIT मद्रास के ही एसोसिएट प्रोफ़ेसर सुदर्शन पद्मनाभन (Associate Professor of Philosophy, Dept of Humanities and Social Sciences) को ज़िम्मेदार ठहराया था।

फातिमा लतीफ़ के पिता लतीफ़ ने दावा किया है कि उसकी बेटी के साथ धार्मिक भेदभाव किया गया और इसी आधार पर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया गया। घटना के बाद से मोबाइल फोन पुलिस की हिरासत में है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस को नोट के सत्यापन के लिए प्रयोगशाला में भेजने के लिए अदालत से अनुमति लेनी होगी।

फातिमा लतीफ़ के पिता अब्दुल लतीफ़ का कहना है कि पुलिस निष्पक्ष जांच करने में नाकाम रही है, फातिमा के पिता न कहा कि इस मामले को साबित करने के लिए मेरे पास दस्तावेज हैं कि मेरी बेटी के साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव किया गया और उसका मानसिक उत्पीड़न किया गया, मुझे फातिमा के लिए न्याय चाहिए, वो एक मासूम और प्रतिभाशाली लड़की थी।

इसके लिए तीन प्रोफेसर जिम्मेदार हैं। मैं सीबीआई जांच चाहता हूं, “उन्होंने कहा।” पुलिस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, उन्होंने हमारी मदद नहीं की है। मैं निष्पक्ष जांच नहीं होने पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाने को तैयार हूं।”

अब्दुल लतीफ ने मीडिया को बताया कि “मेरी बेटी को मुस्लिम होने की वजह से अपनी फेकल्टी से जातिवादी और धार्मिक भेदभाव का सामना करना पड़ा।”

कोल्लम के मेयर वी राजेंद्रबाबू ने कहा कि “पुलिस ने फातिमा के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद किया है और नोट में, उसने कुछ शिक्षकों और छात्रों को धार्मिक आधार पर प्रताड़ना और उत्पीड़न के लिए दोषी ठहराया था।”

फातिमा लतीफ़ के माता-पिता ने इस मामले में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से मुलाकात कर इस मामले में एक स्वतंत्र और तत्काल जांच की मांग की। बैठक के बाद अब्दुल लतीफ़ ने मीडिया से कहा कि वे बातचीत से संतुष्ट थे। “सीएम ने हमें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है, सीएम ने कहा कि केरल सरकार इसे गंभीरता से लेगी।”

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