शनिवार को अमेरिका के पिट्सबर्ग में हूदियों के एक प्रार्थना स्थल पर हुई गोलीबारी में 11 लोगों के मारे जाने और 6 लोगों के घायल होने की खबर है, पुलिस की जवाबी कार्रवाई में घायल होने के बाद हमलावर रॉबर्ट बोवर्स (46) ने आत्मसमर्पण कर दिया।

Al-Jazeera  की खबर के अनुसार अमरीकी मुसलमानों ने इस हमले के पीड़ितों के लिए क्राउड फंडिंग साइट ‘LaunchGood’ के ज़रिये आर्थिक मदद के लिए हाथ बढ़ाये हैं, सेलिब्रेट मर्सी नामक NGO के संस्थापक तारेक-अल-मसीदी ने इसकी शुरुआत की है।

अमरीकी मुसलमानों ने आगे बढ़कर इस मुहीम को समर्थन दिया और 6 घंटे में ही चाहे गए लक्ष्य $25,000 को पूरा कर दिया, अब इस मुहीम का लक्ष्य आगे बढाकर $50,000 कर दिया गया जिसके चलते रविवार को ये खबर के छपने तक $43,000 डॉलर्स का योगदान इकठ्ठा हो गया था।

ये पहली बार नहीं है कि अमरीकी या ब्रिटिश मुसलमान इस तरह के आतंकी हमलों में पीड़ितों के लिए आर्थिक मदद को आगे आये हैं, इससे पहले मार्च 2017 में लंदन के वेन्समिन्स्टर में हुए आतंकी हमले में भी ब्रिटिश मुसलमानों ने पीड़ितों के लिए आर्थिक मदद के लिए मुहिम चलाकर चौबीस घंटों में ही £17,000 इकठ्ठे कर लिए गए थे, देखें Telegraph का ये Linkआर्थिक मदद में ब्रिटिश मुसलमानों की बढ़ती सहभागिता को देखते हुए इस लक्ष्य को बढाकर £20,000 कर दिया गया था।

और इसी के साथ ब्रिटिश मुस्लिम औरतों ने वेन्समिन्स्टर ब्रिज पर मानव श्रृंखला बनाकर मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी थी।

ब्रिटिश और अमरीकी मुसलमानों ने कई बार इस तरह के हमलों के बाद इंसानियत के लिए पीड़ितों के साथ कंधे से कन्धा मिलकर खड़े होकर अपने अख़लाक़ और आमाल से लोगों के दिल जीते हैं, यही वजह है कि इससे न सिर्फ अमरीका और यूरोप में इस्लाम क़ुबूल करने वालों की तादाद तेज़ी से बढ़ रही है बल्कि इस्लामॉफ़ोबिक ताक़तों को मुंह की खानी पड़ रही है।

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