अमेरिकी अखबार The Wall Street Journal की एक रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक पर आरोप लगा है कि उसने अपने बिजनेस के लिए कट्टर हिंदूवादी संगठन बजरंग दल के प्रति नरम रुख अपनाया, यानी इस संगठन और भाजपा से जुड़े इस जैसे दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा शेयर की गयी हेट स्पीच और आपत्तिजनक सामाग्री को रिपोर्ट करने के बावजूद अपने प्लेटफॉर्म से नहीं हटाया। ये खबर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हुई है।

इस तरह के संगठनों और हेट स्पीच पर नकेल न कसने के कारण बिजनेस प्रभावित होना बताया गया। ये पहली बार नहीं है जब फेसबुक पर सत्तारूढ़ दल भाजपा और भाजपा समर्थित दक्षिणपंथी संगठनों के प्रति नरम रुख का आरोप लगा है।

इससे पहले इसी तरह के आरोपों के बाद फेसबुक इंडिया में पब्लिक पॉलिसी हेड आंखी दास पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का पक्ष लेने के आरोप लगने के बाद उन्हें पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था।

अब आते हैं फेसबुक के उस बिजनेस पर जिसकी वजह से उसने भारत में बजरंग दल और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों के प्रति नरम रुख अपनाया और अपने प्लेटफॉर्म पर इनके द्वारा परोसी गई हेट स्पीच व आपत्तिजनक सामग्री को नहीं हटाया।

वो ‘बिजनेस’ है फेसबुक का रिलायंस जिओ में 5.7 बिलियन डॉलर्स यानि लगभग 43,574 हज़ार करोड़ रुपये का निवेश। The Indian Express की खबर के अनुसार इस निवेश के तहत फेसबुक रिलायंस जिओ की 9.99 % हिस्सेदारी लेकर व्हाट्सएप के ज़रिये अपने ग्राहकों को जियोमार्ट प्लेटफॉर्म से जोड़ेगी।

यानी जिस बिजनेस की वजह से फेसबुक का बजरंग दल और इस जैसे दक्षिणपंथी संगठनों के प्रति नरम रुख रहा वो बिजनेस है ‘Jio-Facebook साझेदारी’। इस निवेश या साझेदारी के तहत जिओ प्लेटफार्म्स, रिलायंस रिटेल लिमिटेड और व्हाट्सएप के बीच भी एक वाणिज्यिक साझेदारी समझौता हुआ है। Jio और WhatsApp दोनों के पास भारत में 40 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं।

हेट स्पीच को प्लेटफॉर्म से नहीं हटाने और बजरंग दल तथा भाजपा समर्थित दक्षिणपंथी संगठनों के प्रति नरम रुख बनाये रखने की पोल खुल चुकी है तथा कम्युनिटी स्टेंटडर्ड की दुहाई देने वाले फेसबुक का मुखौटा इस ‘Jio-Facebook साझेदारी’ से पूरी तरह से उतर गया है।

अब जबकि फेसबुक और जिओ का व्यापारिक गठबंधन हो चुका है इसलिए सोशल मीडिया के इस मंच से ज़्यादा उम्मीद रखना बेमानी है, आपकी कोई भी पोस्ट कम्युनिटी स्टैण्डर्ड के खिलाफ जा सकती है और बजरंग दल तथा भाजपा समर्थित अन्य दक्षिणपंथी संगठनों की हेट स्पीच या अप्पत्तिजनक पोस्ट मॉस रिपोर्टिंग करने के बाद भी इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद रह सकती है।

इस न्यू इंडिया में अभिव्यक्ति का ये मंच वो नहीं रहा जो आज से पांच छह साल पहले था, अब इस मंच पर हेट स्पीच का कीचड़ देख सकते हैं, आपकी कोई भी पोस्ट फेसबुक कम्युनिटी स्टैण्डर्ड के खिलाफ घोषित कर हटाई जा सकती है, आपकी आईडी चौबीस घंटों से लेकर दो तीन महीनों तक ब्लॉक की जा सकती है, बजरंग दल वाले चाहे जो लिखें मगर आपको वही लिखना है जो फेसबुक को पसंद आये।

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