MDP (मालदिवियन डेमोक्रैटिक पार्टी) के उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने हालिया राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को हराकर राष्टपति चुनाव जीत लिया है।

सोलिह को कुल 92 प्रतिशत में से 58.3 प्रतिशत मत हासिल हुए हैं। चुनाव पर नजर रखने वाले स्वतंत्र एजेंसी ट्रांसपेरेंसी मालदीव्स के मुताबिक, सोलिह ने निर्णायक अंतर से जीत हासिल की है। उधर, जीत के बाद सोलिह ने अपने पहले भाषण में कहा, ‘यह खुशी, उम्मीद और इतिहास का पल है।’ उन्होंने साथ ही सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण की अपील की है।

जीत की घोषणा के साथ ही सोलिह की मालदिवियन डेमोक्रैटिक पार्टी (MDP) का पीला झंडा लेकर विपक्ष समर्थक सड़कों पर उतर आए और खुशी का इजहार किया। नतीजे आने के बाद यामीन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं, सोलिह ने कहा, ‘मैं यामीन से कहना चाहूंगा कि वह लोगों की इच्छा का सम्मान करें और सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण करें।’ उन्होंने साथ ही राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की भी अपील की है।

राष्ट्रपति चुनाव हारने वाले यामीन ने 2013 में सत्ता में आने के बाद से कई ऐसे क़ानून बनाए जिनसे विपक्षी नेता या तो जेल में डाल दिए गए या उन्हें देश छोड़ना पड़ा, इसी साल फ़रवरी में सुप्रीम कोर्ट के पाँच जजों को गिरफ़्तार कर लिया गया था।

सोलिह चार पार्टियों के गठबंधन के नेता हैं. इन पार्टियों के ज़्यादातर नेता या तो क़ैद हैं या निर्वासित जीवन जी रहे हैं।

सत्ताधारी पार्टी के एक सीनियर अधिकारी अहमद निहान ने अल-जज़ीरा से कहा है कि जो जनादेश होगा उसे स्वीकार किया जाएगा।

साढ़े तीन लाख आबादी वाले देश में ढाई लाख से ज़्यादा लोग मतदान करने के क़ाबिल हैं. रविवार को हुए मतदान में श्रीलंका और मलेशिया में भी मतदान केंद्र बनाए गए थे।

मालदीव की जनता पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन द्वारा लोकतंत्र को कुचले जाने, उनके तानाशाही रवैये, विरोधियों पर दमनात्मक कार्रवाहियां करने जैसी हरकतों से नाराज़ थी।

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