स्पेशल स्टोरी वाया : huffingtonpost

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी आंदोलन पर केंद्र सरकार द्वारा की गई तथा की जा रही दमनात्मक कार्रवाही अंतरराष्ट्रीय महत्व का मुद्दा बन गई है। CAA विरोधी कार्यकर्ताओं की लगातार गिरफ्तारियां जारी हैं। इसी कड़ी में दुनिया भर के 200 से अधिक विद्वानों, कार्यकर्ताओं और कलाकारों ने जेएनयू के पूर्व छात्र नेता और एक्टिविस्ट उमर खालिद सहित गिरफ्तार अन्य CAA-NRC विरोधी कार्यकर्ताओं के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए उनकी रिहाई के लिए एक संयुक्त बयान दिया है।

इनमें से प्रमुख हैं: नोआम चॉम्स्की, एंजेला डेविस, राजमोहन गांधी, जीजी पारेख, एडमिरल रामदास, सलमान रुश्दी, पी साईनाथ, अरुंधति रॉय, सर रिचर्ड जॉली, पार्थ चटर्जी, इरफान हबीब, जान ब्रेमन, अकिल मिल्म्बे, डेविड हार्डमैन, शेल्डन पोल , सूरज येंगड़े, प्रभात पटनायक, सुमित सरकार, मीरा नायर, अकील बिलग्रामी, राजा वेमुला, मीना कंडस्वामी, अमिताभ घोष, होमी भाभा , महमूद ममदानी, तानिका सरकार, कार्लो गिन्ज़बर्ग, बारबरा हैरिस व्हाइट, जूडीन बटलर तथा कई अन्य।

इनके द्वारा जारी बयान में कहा गया है की “विद्वानों, शिक्षकों, छात्रों, कलाकारों और फिल्म निर्माताओं के एक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रूप में, हमने भारत में होने वाली घटनाओं को देखा है। हम फरवरी 14, 2020 को दिल्ली में दंगों के आरोपों के तहत 14 फरवरी, 2020 को नई दिल्ली में गिरफ्तार किए गए बहादुर युवा विद्वान और कार्यकर्ता उमर खालिद के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं। जिन पर देशद्रोह, हत्या की साजिश, और भारत के कड़े आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) की धाराओं के तहत केस दर्ज किये गए हैं। हम भारत सरकार से उमर खालिद और उन सभी को रिहा करने की मांग करते हैं जिन्हें सीएए-एनआरसी का विरोध करने के कारण गलत और अनुचित तरीके से फंसाया गया है।”

इसमें कहा गया है कि “यह सुनिश्चित किया जाए कि दिल्ली पुलिस संविधान के अनुरूप अपने द्वारा ली गई शपथ का पालन करते हुए दिल्ली दंगों की निष्पक्ष जांच करे।”

उन्होंने कहा कि आज उमर खालिद उन लोगों की एक लंबी सूची में शामिल हैं, जो कि UAPA के तहत लक्षित कर फंसाए गए और अन्यायपूर्ण रूप से उत्पीड़ित किये गए हैं, केवल इसलिए कि वे CAA-NRC विरोधी आंदोलन में सक्रिय थे।

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