नागालैंड के सबसे बड़े उग्रवादी संगठन (NSCN-IM) नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुइवा) के प्रमुख थुइंगालेंग मुइवा ने कहा कि वह न कभी भारत का हिस्सा थे और न आगे कभी होंगे, ये वही (NSCN-IM) है जिसके साथ मोदी सरकार ने अगस्त 2015 को एक समझौते पर दस्तखत किए थे।

Times of India की खबर के अनुसार नागालैंड मामले के मुख्य वार्ताकार संगठन (NSCN-IM) ने भारत में विलय की किसी भी संभावना से इनकार किया है। (NSCN-IM) प्रमुख थुइंगालेंग मुइवा ने कहा है कि वह न कभी भारत का हिस्सा थे और न आगे कभी होंगे।

थुइंगालेंग मुइवा ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि फ्रेमवर्क समझौते में ‘समावेश’ शब्द की गलत व्याख्या की गई थी जिसमें शांति वार्ता को जल्द से जल्द संपन्न करने के साथ अक्टूबर तक दशकों पुराने विवाद का हल निकाला जाना था। थुइंगालेंग मुइवा ने कहा, ‘हम कभी भारत का हिस्सा नहीं थे और न ही कभी होंगे। अगर अंतिम हल यह है कि नागा भारतीय संघ में शामिल हो तो क्षमा कीजिए, हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे।’

मुइवा ने शांति वार्ता में बाधा उत्पन्न होने के लिए केंद्र सरकार पर समावेश की गलत व्याख्या को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘इसका क्या मतलब था कि जिन बिंदुओं पर सहमति बन रही है उसे समाधान में शामिल किया जाए। इसका मतलब यह नहीं है कि सभी नागा लोगों को भारत संघ में शामिल किया जाएगा। इस बारे में NSCN-IM में कोई भ्रम नहीं है।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागालैंड के राज्यपाल एन रवि को शांति वार्ता को जल्द संपन्न कराने के निर्देश के बाद (NSCN-IM) ने भारत के संविधान को मानने से इनकार कर दिया है। (NSCN-IM) ने बुधवार को नागालैंड के भारत में विलय को भी खारिज कर दिया है।

(NSCN-IM) प्रमुख थुइंगालेंग मुइवा ने कहा ‘हम समाधान के काफी नजदीक पहुंच गए थे लेकिन वे (भारतीय सरकार) हमारे प्रयास को समझने में विफल रहे। वे चाहते हैं कि नागालैंड के लोग उनके अधीन रहें, भारतीय संविधान का पालन करें और भारतीय संघ में उनका समावेश हो लेकिन यह अंतिम हल नहीं हो सकता। अभी हमारी एक या दो राउंड की बातचीत बची है लेकिन समस्या पहले से ही पैदा हो गई है। हमें एक निर्णय लेना होगा। हमारे लिए अब उन (केंद्र सरकार) पर भरोसा करना मुश्किल हो रहा है।’

नागालैंड के राज्यपाल आर.एन. रवि ने पिछले महीने नागा सिविल सोसायटी को सूचित किया कि पीएम नरेंद्र मोदी अक्टूबर तक शांति प्रक्रिया का निपटारा चाहते हैं। मुइवा ने कहा कि समय का निर्धारण (NSCN-IM) को अल्टिमेटम देने जैसा है। थुइंगालेंग मुइवा ने कहा, ‘उन्होंने कहा तीन महीने का समय है, इस बीच नागा समुदाय के सभी लोगों को भारतीय संघ में शामिल होना होगा। यह एक अल्टिमेटम है और हम इसे अस्वीकार करते हैं। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे, चाहे आज हो या कल।’

(NSCN-IM) और केंद्र सरकार के बीच बातचीत दो मुद्दों पर रुकी हुई है, पहला अलग झंडा और दूसरा नागा प्रदेश के लिए अलग संविधान। थुइंगालेंग मुइवा ने कहा, ‘अंतिम समाधान जरूर निकलना चाहिए। कैंप हेब्रॉन के लोगों में यह भावना है कि अगले महीने होने वाली बातचीत का अंतिम दौर किसी भी तरह निर्णायक होगा।’

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