तिरुवनंतपुरम में अनंतपुरी हिंदू महा सम्मेलन में मुस्लिम विरोधी टिप्पणी के बाद, दुर्गादास शिशुपालन नाम के एक व्यक्ति को कतर में मलयालम मिशन के समन्वयक और कतर में नारंग प्रोजेक्ट्स में एक वरिष्ठ लेखाकार (Senior Accountant) के पद से हटा दिया गया है। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में 10वें अनंतपुरी हिंदू महा सम्मेलन (केरल हिंदू सम्मेलन) में मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ और नफरत भरे भाषण दिए गए, जहां केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उद्घाटन भाषण दिया था। इस सम्मलेन में वक्ताओं ने हिंदू समुदाय से मुस्लिम व्यवसायों का बहिष्कार करने का आह्वान किया था।

5 मई गुरुवार से सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में दुर्गादास को हिंदू सम्मेलन में एक कार्यक्रम में एक सवाल पूछते हुए देखा गया था, जिसमें दावा किया गया था कि खाड़ी देशों में मुस्लिम समूहों द्वारा केरल की महिला नर्सों को भर्ती करने का मक़सद “आतंकवाद और यौन दासता (Sex Slaves) के लिए उनका इस्तेमाल करना है।”

उनकी इस तरह की टिप्पणी को मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने साजिश बताई गई थी, वहीं नर्सों के समूहों ने भी दुर्गादास के बयानों पर आपत्ति जताई है। The Week के अनुसार UNIQ (यूनाइटेड नर्सेस ऑफ इंडिया कतर) नामक एक नर्स संघ ने कतर में अधिकारियों से दुर्गादास के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

दुर्गादास शिशुपालन के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए एक ट्विटर यूजर लेफ्टिनेंट कमांडर गोकुलचन ने ट्वीट किया, “यह दुर्गादास शिशुपालन एक प्रमाणित संघी है। । वह कतर में काम कर रहा है और तिरुवनंतपुरम में हिंदू सम्मेलन के दौरान उसने एक बयान दिया कि केरल की नर्सें उग्रवादी समूहों के लिए सेक्स गुलाम के रूप में काम करने के लिए खाड़ी देशों में जाती हैं। नर्सेज एसोसिएशन ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।”

दुर्गादास नारंग प्रोजेक्ट्स, कतर में एक वरिष्ठ लेखाकार (Senior Accountant) के रूप में काम करता था, नारंग प्रोजेक्ट्स, कतर के क्षेत्रीय निदेशक टिम मोर्फी ने ईमेल के माध्यम से उनके खिलाफ की गई शिकायतों के आधार पर उन्हें नौकरी से निकालने के कंपनी के फैसले की घोषणा की। कतर के अलावा, नारंग प्रोजेक्ट दुबई, सऊदी अरब और मिस्र जैसे अरब देशों में भी काम करता है।

6 मई को एक फेसबुक लाइव वीडियो में दुर्गादास ने कथित तौर पर कहा था कि “उन्हें गर्व है कि वो 30 वर्षों से संघ स्वयंसेवक रहे हैं। दुर्गादास ने कहा कि उन्हें “संघी” कहे जाने से कोई आपत्ति नहीं है। दुर्गादास को कई बार भाजपा के कई प्रमुख नेताओं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई नेताओं के साथ देखा गया है, जिनकी तस्वीरें दास के फेसबुक पेज पर हैं।

मलयालम मिशन केरल सरकार की एक पहल है जो मलयालम को बढ़ावा देती है और विश्व स्तर पर कई स्थानों पर भाषा सीखने के केंद्र हैं। एक बयान में, मलयालम मिशन के निदेशक मुरुकन कट्टकड़ा ने कहा कि 5 मई से दुर्गादास को मलयालम मिशन के कतर अध्याय के क्षेत्रीय समन्वयक के रूप में सभी जिम्मेदारियों से हटा दिया गया था।

“मलयालम मिशन के सदस्यों, शिक्षकों और अभिभावकों सहित दुनिया भर के कई लोगों ने दुर्गादास के बयानों के खिलाफ अपने विरोध के बारे में हमें सूचित किया है। मलयालम मिशन का उद्देश्य केरल की अखंडता और समृद्ध संस्कृति को युवा पीढ़ी तक पहुंचाना है। लेकिन वायरल हो रहे वीडियो में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करने वाले बयान हैं, इस बयान से नौकरी की तलाश में विदेश जाने वाली महिलाओं की गरिमा को भी ठेस पहुंची है।’

5 मई को कतर स्थित मलयालम मिशन ने दुर्गादास को क्षेत्रीय समन्वयक के पद से निष्कासित करने वाला एक आदेश पत्र भी जारी कर दिया।

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